गूगल मईया कहलस- खेत जा
गूगल मईया कहलस- खेत जा ( Mother Google Says- Go To Field ) गूमलर घरवा के बहरे मैदानवां में असमान के निचवा खटिया पर सुतल रहल की गूगल मईया पुचकार के बेटवा गूमलर के जगा देहलस- मोर बचवा ! मोर दुलरुआ ! बऊवा उठ जा ! मिचमिचा के गूमलर केहू तरह से अंखिया खोलल। सोचलस कि मईया कही रूस न जाये त खटिया पर उठ के बैठ गईल। ओके उठते, गूगल मईया ओसे कहलस कि- उ खेतवा पर जाइके देख लेव कि सब ठीक बा ? गूमलर रतिया में कच्छा पहिन के सुतल रहल, उठते पैजमवा और गंजी पहिन लिहल। गूमलर क अंखिया अभियो मिचमिचा रहल त हैंड पम्पवा के पास गईल और हैंडलवा के हुचक हुचक कर पनिया निकाल के अंखिया अउर मुहवा धो लेहलस। ओके अब ठीक लगल। गूगल मइया से कहल कि उ खेतवा जात बा। नीम के दतुअन रसरिया से बधल लटकल रहल। ओमे से इक ठो दतुअन लईके, ओके मुहवा में डाल अउर गमछा लेके निकल पड़ल। गउवाँ के राहे सकरा रहल से इधर उधर कुदत कुदत गउवाँ से बहरवां निकल लस। चलत चलत ओकर दोस्तवा मिल गईल। बस दुनू में बात चालू हो गईल कि घुरहू के गाय कल सांझे से लौट के घरवा न आयल जेसे घूरहू परेसान हउवे।...